Namrata Pandey
Namrata Pandey 01 Dec, 2020
ये जीवन है
वह जाड़े की एक सुबह थी सब और कोहरा छाया था कोई नहीं दीखता था सन्नाटा सा छाया था उस जाड़े की उस सुबह में दो छोटे-छोटे बच्चे थे नादान थे उम्र से लेकिन हिम्मत के वह पक्के थे फूलों पर ओस के जैसे उनके नैना चमकीले थे घर चलाने की खातिर वह काम पे अपने निकले थे

Paperwiff

by namratapandey

01 Dec, 2020

कोहरा और ओस

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