पुरूष को भी दर्द होता है!
माना औरत अपना दुध पिला कर बच्चे को बड़ा करती है पर पिता भी कंहा सुख चैन से सो पाता है!
बच्चे के रोने की आवाज पाकर बांहो के झुले में
घण्टों रात जगकर चुप कराने में अपनी नींद कुर्बान करता है!
माना मां 9 महीने अपने गर्भ में संतान को पालती है पर पिता भी तो उसके आने का बेसब्री से इंतजार करना है , उसका आनेवाला जीवन ऐशोआराम में गुजरे उसके लिए दिन रात सघर्ष भी तो करता है|
माना मां प्रसब की पीड़ा को सहन कर बच्चे को जनम देती है पर पिता भी तो अस्पताल में आंखों में आंसू को छिपाकर सबकी नजरो से बचकर भगवान के अरदास लगाए खड़ा रहता है, भगवान मेरी बीबी और बच्चे को सही सलामत रखना |
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by manishalqmxd