Manisha Bhartia
Manisha Bhartia 11 Jan, 2023
जीवन
जीवन का खेल निराला है| कभी घनघोर अंधेरा तो कभी उजाला है| कभी पतझड़ है, तो कभी शावन है| कभी बसंत है, तो कभी शरद है| पर जीवन का प्रवाह यही है कि हमेशा आगे बढ़ते जाना है| कभी रुकना नही है बस चलते जाना है, चलते जाना है|

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by manishalqmxd

11 Jan, 2023

जीवन का प्रवाह

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