कागज़ और कलम
कागज़ और कलम
हो गई हैं उदास
क्योंकि कोई अब आता नहीं इनके पास
लिखता नहीं अपने जज़्बात
सबको मिल गया है अब मोबाइल
जिसने ले लिया है कागज़, कलम,घड़ी,कैलकुलेटर
यहां तक कि कंप्यूटर को भी अपने अंदर
रिश्ते भी हो गए हैं अब कागज़ के जैसे खाली
लोग दिल की कलम चलाते नहीं
वीडियो कॉल में ही हो आते हैं एक दूसरे के घरों में
असल में अब कहीं आते जाते ही नहीं
Paperwiff
by chetnaaroraprem