मैंने इक कविता लिखी
मैंने इक कविता लिखी है
सोचा कि तुम्हें बता दूं
ताकि तुम पढ़ो उसे
और पसंद आए तो तारीफ़ करना
वर्ना अनदेखा तो कर ही सकते हो
बहुत से लोग हैं
जो पढ़कर भी अनदेखा कर देते हैं
पर मुझे इसका भी कोई गम नहीं
असली खुशी तो मुझे लिखते ही मिल गई थी
बस कोई पढ़कर तारीफ़ करदे
तो ओर लिखने की प्रेरणा मिल जाती है
(विश्व कविता दिवस)
चेतना अरोड़ा प्रेम
Paperwiff
by chetnaaroraprem