Aadiramani
09 Jul, 2022 | 0 mins read
राह
यात्रा जब भी हो अंतर की ही हो.. मैंने जाना है की बाहर छल है, गरल है.. काल दयावान है कारण है की चाहता है हम सूक्ष्म जाए.. अन्यथा.. सब माया है एक काया है, भेद ना कोई जान पाया है..।
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