बारिश
नूर - ए - बारिश हमारे यहाँ भी तो बरशे
बहुत अरसा हो गया है, हम बेहद तरसें
हम शौख से शख्सियत को इबादत सिखातें हैं
हमारी ही कज़ा का इंतज़ाम करवाते हैं
यारों तुम्हें घटाओ का फ़िराक मालूम नही
लंबे वक़्त के बावजूद कोई सुराख मालूम नही
जब भी बरसती होंगी कमाल होता होगा
सारे बियाबानों में बवाल होता होगा
आदि कभी भींग जाना बारिश में तुम
इलाही की खूबसूरत साजिस में तुम
आदिरमानी💫✍️
Paperwiff
by aadiramani