Aadiramani
06 Jul, 2022
नज़र
मेरे अंतः को जब भी प्रतीत हुआ की वो नही है उसने एक बार नज़र मिलाई., नेत्र आत्मा नही हैं
मैंने परमईश को देखा है! जैसे मानो कोई समाधि लगाए विरजा हुआ हो
मेरे चक्षु केवल अश्रुओं के अधिकारी रह जाते है.. मैं पूर्ण होके अपना लोप क्यों नहीं करता..
रमानीआदि ✍️
Paperwiff
by aadiramani
06 Jul, 2022
नज़र
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