yog verma
yog verma 28 May, 2020 | 0 mins read

पों फटते ही आंखे खुली खुलते ही आँखे बातें बुनी बातों में जिक्र तुम्हारा था मन मंदिर में खुशी की लहर चली

पों फटते ही आंखे खुली आंखे खुलते है बातें बुनी बातों में जिक्र तुम्हारा था मन मंदिर में खुशी की लहर चली

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