पों फटते ही आंखे खुली खुलते ही आँखे बातें बुनी बातों में जिक्र तुम्हारा था मन मंदिर में खुशी की लहर चली

पों फटते ही आंखे खुली आंखे खुलते है बातें बुनी बातों में जिक्र तुम्हारा था मन मंदिर में खुशी की लहर चली

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yog verma 28 May, 2020 | 0 mins read

✍️ *योगेश वर्मा*

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