स्वयं की पहचान!
क्यों चाहती हो अपनी पहचान
सब कुछ तो है अपने पास।
धन दौलत,घर परिवार
बच्चे और भरा पूरा संसार।
फिर भी मेरी क्या पहचान?
सिर्फ एक मां, गृहणी और पत्नी का मान।
मेरा अपना नाम कहां,और कहां अस्तित्व का गुमान।
मैं बनूंगी एक लेखिका, खीचूंगी अपनी कमान।
मेरी भी होगी स्वयं की पहचान।
Paperwiff
by vinitatomar