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Surabhi sharma
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आधार
मेरी कल्पना का आधार तुम मेरे स्वप्न का विस्तार तुम निराकार से साकार होते इस जगमग संसार में मेरी भक्ति और प्रेम का आकार तुम |
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by surabhisharma
Microfable
20 Oct, 2022
बस कुछ यूँ ही
प्रेम होना चाहिये झूमके, जूते, चप्पल या मोजों की जोड़ी जैसा एक के खोते दूसरे का अस्तित्वहीन हो जाना |
Paperwiff
by surabhisharma
Microfable
20 Oct, 2022
टी टाइम्
गम में हो या खुशी में हो मेल - मिलाप में हो या रूठी जिंदगी में हो ए चाय, मुझ सा दीवाना तेरा इस दुनिया में कहीं ना हो |
Paperwiff
by surabhisharma
Microfable
20 Oct, 2022
बस कुछ यूँ ही
तुममें घुलकर भी तुम होना नहीं था मुझे अपना मैं भी खोना नहीं था |
Paperwiff
by surabhisharma
Microfable
20 Oct, 2022
बस कुछ यूँ ही
चुपचाप इश्वर का नाम लीजिए मेहनत से साँचे काम कीजिए कोई कितनी भी बाधाएँ करे खड़ी अपने लक्ष्य तक पहुँच कर ही विश्राम लीजिए |
Paperwiff
by surabhisharma
Microfable
20 Oct, 2022
बस कुछ यूँ ही
झरोखे से आती धूप को बड़ी जतन से अपनी मुट्ठी में बंद कर लिया| बस कुछ इस तरह से आसमाँ का एक हिस्सा मैंने अपने नाम कर लिया |
Paperwiff
by surabhisharma
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20 Oct, 2022
अनकही शायरी
यूँ मीठी मीठी बातों में उलझाया ना कीजिए ख्वाब झूठे किसी की आँखों में सजाया ना कीजिए |
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by surabhisharma
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20 Oct, 2022
बस कुछ यूँ ही
दूसरों के रिश्ते में नींबू निचोड़ने की कोशिश मत कीजिए, रिश्ते हैं कोई दूध नहीं जो आपके हाथ पनीर लग जाएगा |
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by surabhisharma
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20 Oct, 2022
अनकही शायरी
तेरे अश्कों ने आज फिर इक गज़ल लिख दी कलम ने फिर आज इश्क की पहल लिख दी |
Paperwiff
by surabhisharma
Microfable
20 Oct, 2022
बस कुछ यूँ ही
अपनी श्रद्धा को शब्दों की क्रीड़ा से परिभाषित कर दूँ इतना सामर्थ्य नहीं है मुझमें |
Paperwiff
by surabhisharma
Microfable
20 Oct, 2022
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