पापा जैसा कोई नहीं

पापा सच में अनोखे होते है,उनके प्यार की कोई सीमा नहीं होती।पिता के प्यार को दर्शाती एक कहानी।

Originally published in hi
Reactions 2
478
Dr.Shweta Prakash Kukreja
Dr.Shweta Prakash Kukreja 19 Jun, 2022 | 1 min read

दरवाज़े की घंटी से नींद टूटी तो देखा सुबह के पाँच बजे रहे थे।शिवी सो रही थी सो मैं ही उठ के गया।"रविवार के दिन भी चैन से सोने नहीं देते लोग।"नींद भरी आँखों को मलते हुए दरवाज़ा खोला तो देखा शिवी के पापा खड़े थे।


"पापा आप?इतनी सुबह?सब ठीक है?फ़ोन नहीं किया आपने?"प्रश्नों की बौछार से बेचारे सहम गए।अंदर आकर बैठे तो मैंने कहा,"रुकिए शिवी को उठाता हूँ।"

"नहीं,नहीं दामादजी उसे सोने दीजिये, बस जरा देख लूँ उसे। उठकर बात कर लेंगे।"कमरे में आकर उन्होंने शिवी के सर पर हाथ फेरा और बाहर कमरे में आ गए।"मैं यही आराम करता हूँ,आप भी सो जाइए।"

मैं भी जाकर सो गया।दस बजे शिवी ने उठाया,"सुनो पापा आये थे क्या?आपने उठाया क्यों नहीं?"

वह रो रही थी,उसने एक कागज़ थमाया-


"बिटिया,आज शरद पूर्णिमा है।तिथि के अनुसार आज तेरा जन्मदिन है तो सोचा तुम्हें देख लूँ।तुम्हारे लिए तोहफ़े भी लाया था।तुम्हारी नींद खराब करने का मन नहीं हुआ सो नहीं उठाया।दामादजी भी थके थे सो बता नहीं पाया कि बारह बजे वापसी भी है।बस तुम्हें देख लिया अब चलता हूँ।ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद।"

मेज़ पर इमली की गोलियाँ,आलू के पापड़,अनारदाना ,सत्तू का पैकेट,बिरचुन की गोलियाँ रखी हुई थी।


"दो सौ किलोमीटर की दूरी तय कर जन्मदिन की बधाई देने बस पापा ही आ सकते है।मुझे तो याद भी नहीं था।"शिवी के आँसू रुक नहीं रहे थे और मैं आत्मग्लानि से भर गया था।

"चलो बस स्टैंड,पापा अभी मिल जाएंगे।"गाड़ी की चाबी उठा नीचे की ओर चल दिया।


©डॉ.श्वेता प्रकाश कुकरेजा

जून 2022

2 likes

Published By

Dr.Shweta Prakash Kukreja

shwetaprakashkukreja1

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kumar Sandeep · 2 years ago last edited 2 years ago

    भावनाओं से ओतप्रोत उम्दा लघुकथा। सचमुच पिता ऐसे ही होते हैं। उनके त्याग की गाथा शब्दों में जितनी दफ़ा लिखा जाए कुछ न कुछ अधूरा रहेगा।

  • Kumar Sandeep · 2 years ago last edited 2 years ago

    भावनाओं से ओतप्रोत उम्दा लघुकथा। सचमुच पिता ऐसे ही होते हैं। उनके त्याग की गाथा शब्दों में जितनी दफ़ा लिखा जाए कुछ न कुछ अधूरा रहेगा।

  • Dr. Anju Lata Singh 'Priyam' · 2 years ago last edited 2 years ago

    प्यारी रचना

  • Dr.Shweta Prakash Kukreja · 2 years ago last edited 2 years ago

    शुक्रिया💜

Please Login or Create a free account to comment.