गर्मी की छुट्टियां
जैसे ही गर्मी की छुट्टियों का नोटिस आया था,
उसी दिन मैंने घर सिर पर उठा लिया था l
जल्दी टिकट करवाओ नानी के घर जाना है,
बस यही वाक्य जुबान पर जोर चला रहा था l
हम बच्चों के लिए तो गर्मियों की छुट्टियों का मतलब ही नानी का घर ही होता है,
बस वहां जाने के लिए दिल उत्सुक रहता है l
नानी, जिनके आंचल में ममता की दुगनी छाया का वास है,
उनका वह समझाना ,हमें हमारे भविष्य के लिए और सक्षम बनाना ,हमें जीवन के आदर्शों से परिचित कराना,
यही तो है जो उन्हें मां के दुगुने होने का एहसास दिलाता था l
हमारे लिए नए-नए तोहफे लाकर नानाजी करते है हमारा लाड़ दुलार, और करते हैं हमारी हर शैतानियां को माफ l
मामा ही तो है उन छुट्टियों की खुशियों का राज़,
हमारी हर ख्वाहिश को पल भर में पूरी कर बना देते हैं हर दिन को यादगार l
Paperwiff
by anvesharathi1