Anvesha Rathi
Anvesha Rathi 02 Sep, 2023
कला
जब तुम विभिन्न रंगों की स्याही द्वारा कागज पर उतरी तो चित्रकार मशहूर हो गया l जब तुम सुरो को संगीत में पिरोती गई तो संगीतकार का महत्व बढ़ गया l जब तुमने शब्दों के बीच तुकबंदी की तो कवि की कविताएं भी प्रचलित हो गई l जब तुमने वाक्य को संस्कार से जोड़ा तो साहित्यकार ने भी अपनी अलग ही पहचान बना ली l जब तुम अदाओं और भावों द्वारा मुख पर उतरी तो नृत्यकार ने भी अपना मूल्य पहचाना l क्या तुल्य है तुम्हारा , तुमने ही तो कलाकार की जीवनी को परिभाषित किया है , तुमने भी तो देश के विकास में अपना योगदान दिया है जिससे विदेशियों ने भी प्रेरणा ली है।

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by anvesharathi1

02 Sep, 2023

कला

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