ManuJain
https://paperwiff.com/ManuJain
इक आग कोई सुलगती है अंदर डूबना नहीं ये मुस्कुराहट है समुन्दर.....😊
तुझे देखकर मेरा खिल जाना
अनेकता में एकता
मैं कविता नहीं , एहसास लिख रही हूं आज तुम्हारे लिए कुछ खास लिख रही हूं........
उर्दू ... (शेर)
लड़की हूं तो , संस्कारों का पाठ सीखूं मैं.......
Showing 101 to 105 of 105 results