मातृ दिवस की बेला में सभी ने अपने अपने तरीके से माँ के प्रति अपना समर्पण दिखाया। मेरे भी अपने कुछ विचार थे जिन्हें मैंने कुछ इस तरह अपनी पंक्तियों में सजाकर प्रस्तुत किया।
विषय : कविता
माँ होती कितनी प्यारी है।
दुनिया में जब वो लाती है,
हर दुख को सह जाती है।
नए रंग सजाती है,
माँ होती कितनी प्यारी है।
सपने सजा के आंखो में,
मुझको दुनिया में लाई हो।
हजारों दर्द सह कर भी,
तुम मुझे देख मुसकाई हो।
आंखो में भरकर आंसू ,
धीरे से मुस्काती है।
माँ होती कितनी प्यारी है।
सब कुछ त्याग देती है।
हर पल कितना सहती है।
अपने जीवन की दिशा भूलके,
सबको दिशा देती है।
कितना संघर्ष करती दिनभर,
सब चुपचाप सह लेती है।
माँ होती कितनी प्यारी है।
ईश्वर से बढ़कर होती माँ,
हर रूप में सक्षम होती माँ
जीवन का साज सुनाती है।
माँ होती कितनी प्यारी है।
माँ होती सबसे प्यारी है।
लेखिका- विनीता सिंह तोमर ।
धन्यवाद।
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