"एन ओल्ड लव स्टोरी"

एक पुरानी यादों में सिमटी रमा देवी की अपनी कहानी जिसमे वो अपने अनुभवों को अपनी पोती को समझाती हैं। प्रेम के रूप कैसे होते हैं ये समझाती हैं।

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Vinita Tomar
Vinita Tomar 06 Sep, 2021 | 1 min read

प्रेम की अभिव्यक्ति कैसे की जाए,जब उसका रूप ही इतना सुहाना है।जिसने सच्चा प्रेम पा लिया उसका तो जीवन ही सम्पूर्ण है।

खुश किस्मत हैं वो लोग जिनके नसीब में ये तोहफा आया हो, क्योंकि आज कल तो प्रेम बस बिस्तर तक ही सिमटा रह जाता है।

रूह के एहसासों को समझ पाना उतना ही मुश्किल है जितना दिल में प्रेम को अपनाना।जरूरत के साथी बहुत मिलते हैं, मुश्किल है सच्चे साथी को पाना।

टीवी पर एक बड़ा सुंदर कार्यक्रम चल रहा था और दादी के साथ 15 साल की निशा भी देख रही थी।

शेरो शायरी की बातें उसके दिमाग से बाहर थी,किंतु उसकी दादी रमा देवी एक प्रसिद्ध कहानीकार थी अपने समय में।

निशा पूछ ही बैठी दादी," क्या प्रेम इतना मुश्किल होता है? कैसे पता चलता है किसी को प्रेम है?

मेरी तो सहेलियों के अभी से ब्वॉयफ्रेंड है और वो तो ऐसी बातें नहीं बताती।"

रमा देवी बोली," बिटिया रानी प्रेम कोई हवा नहीं है जो बस यूंही हो जाए। दिल में सच में जगह देनी पड़ती है। जैसे तुम्हारे लिए सबसे ज्यादा क्या खास है जिसके बिना तुम रह नही सकती? एक पल के लिए भी बताओ?

निशा बोली, "मम्मी,पापा और आप। एक चीज और है मेरे सारे बैग्स मुझे वो हर हाल में चाहिए।

दादी बोली, " बेटा यही तो प्रेम का रूप है क्योंकि तुम हम सब के बिना नहीं रह सकती। सच्चा प्रेम आंखो के रास्ते शुरू हो दिल में जा बसता है।"

तुझे एक किस्सा सुनाती हूं, "तेरा दादाजी मुझे शादी से पहले ही जानते थे। जब मैं अपने स्कूल जाती थी तब वो कॉलेज में पढ़ते थे।रोज बिन कुछ बोले ही मुझे स्कूल जाते देखते रहते थे और थोड़ी देर बाद चले जाते। कभी बात नही की कोई हरकत गलत नही की।

कुछ समय बाद उनकी नौकरी लग गई,तब मेरे घर रिश्ता भेजा और शादी हो गई।हमारे बीच में प्रेम का धागा बड़ा ही मजबूत था। वो कहते नही फिर भी मैं जान लेती उनके मन में क्या है।उनकी पसंद नापसंद का ख्याल जितना मैं रखती उतना ही वो भी मेरा रखते।

मुझे आगे पढ़ाया,और स्नातक पूरी हो पाई।मुझे लिखने का शौक था, तो उन्होंने मुझे पर दिए। मेरे लेख को अखबार और पत्रिकाओ के कार्यालय भेजते रहते।

मुझे आत्मनिर्भर बनाया। हमारे प्रेम का धागा और ठोस हो गया जब तुम्हारे पापा और बुआ पैदा हुए।

हम दोनो कभी भी एक दूसरे से परेशान नहीं होते थे।

सड़को पर पैदल ही दूर तक घूम आते।ठंडी हवाओं के साथ अपने दिल की बाते कर लेते थे।

फिर अचानक तुम्हारे दादाजी मुझे छोड़ कर चले गए,कहते कहते रमा देवी की आंखों से निश्छल आंसू बह निकले। साड़ी के पल्लू से आंखे पोछती हुई वो बोली, इसलिए कहती हूं बिटिया प्रेम का रूप कुछ अलग ही होता है।वो रूह का रिश्ता जो होता है।

ये जो अभी शायरी सुनी तुमने,वो मेरी ही लिखी हुई है।निशा खुश होते हुए बोली, " वाह दादी कितना अच्छा लिखते हो आप।और आपकी प्रेम कहानी भी कितनी अनोखी है।आज कल के समय से अलग,देखना एक दिन मैं किताब लिखूंगी इस पर,कहते हुए दोनो हंस पड़ी।

लेकिन निशा ने अपना वादा पूरा किया आज उसकी पहली किताब प्रकाशित हुई है,जिसका शीर्षक है

" An old love story".

 

पाठकों,ये कहानी काफी लोगो से सुनी है और आज के परिवेश में सटीक लगती है क्योंकि आज प्रेम का रूप कितना बदल गया है। कितने ही लोग शादी के बाद अलग हो जाते हैं। या सालो तक प्रेम संबंध रखने के बाद अलग हो जाते है।

ये कोशिश है एक सोच को बदलने की कि प्रेम सिर्फ सुख नहीं दुख का भी भागीदार होता है।जरूरत नहीं संबंधों का मोहताज होता है।

अगर आप भी सहमत हैं तो जरूर बताएं।

लेखिका : विनीता सिंह तोमर

 

 

 

 

 

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Vinita Tomar

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