हे नारी!

एक सोच नारी के लिए,जो भी वो करती अपनो के लिए।

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Vinita Tomar
Vinita Tomar 08 Mar, 2021 | 0 mins read

नारी तुम आत्मा हो

सबके जीवन की मिठास हो।

हर रिश्ते का अपनाती ऐसे

जैसे मुंह में भर दे वो मिठास हो।

नारी तुम सबका विश्वास हो।


अपनो के जीवन को संवार देती ऐसे

खुद को भूल जाती जैसे।

अस्तित्व की बात भूल कर भी

सबका अस्तित्व अपनाती पहले।

कैसे कर लेती ये सब तुम,

सपनों को अपने भूल जाती तुम।

अंतरात्मा की सच्ची अरदास हो।

नारी तुम सबका विश्वास हो।









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Vinita Tomar

vinitatomar

Comments

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  • Sonnu Lamba · 3 years ago last edited 3 years ago

    👏👏

  • Vinita Tomar · 3 years ago last edited 3 years ago

    Thanks

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