यादों का पिटारा!

यादें जो आज भी खास हैं और कल भी खास थी और हमेशा खास रहेंगी।

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Vinita Tomar
Vinita Tomar 28 Nov, 2022 | 1 min read

हमारी हजारों यादों में से कुछ यादें ऐसी होती हैं, जिन्हें हम हर रोज जीना चाहते हैं।

उन्हीं में से एक खास याद है जो मेरे एहसासों से जुड़ी है।

पेश है मेरी काव्य रचना -

मेरे यादों के पिटारे में कितने ही अनमोल पल हैं

जो आज साथ नही,बस बन गया बीता कल हैं।

उसी ख़ज़ाने में एक ख़ास याद है

उसमें मेरे पहली बार मां बनने का एहसास है।

मेरे बच्चे का पहली बार गोद में आना

उसका मुझे देखना और मुस्कुराना

उसकी अनकही बातों में खो जाना।

उसका मेरे साथ खेलना और खुश हो जाना।

वो उसकी पहली शैतानियां

उसके साथ अपना भी बचपन देख पाना।

वो पहली खीर चटाई कराना।

उसका प्यार से मुझसे लिपट जाना।

पहला कदम चलने की ओर बढ़ना

बार बार गिर पड़ जाना।

फिर भी हार ना मानना।

मुझे भी मां बनकर,कभी ना हारना सीखता है।

वो यादें मेरा अनमोल खजाना है ।


विनीता सिंह तोमर 

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