Vinita Tomar
Vinita Tomar 27 Aug, 2021
अनोखी कला!
लेखन की कला भी कितनी अनोखी है जो जुबां नही बयां कर पाती वो लेखनी कर देती है। जैसे मरुस्थल रूपी भावनाओ को कोई शृंगार रस से सींच देती है।

Paperwiff

by vinitatomar

27 Aug, 2021

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