Vinita Tomar
Vinita Tomar 12 Sep, 2022
आइना बन जाते नैन!
सच का आइना बन जाते हैं उसके नैन जब झांकती है वो खिड़की के कोने से। झलक आता है उसका दर्द भी कभी, जब खुली हवा का एहसास,मिल नहीं पाता उसे बंद कमरे में। मासूम आंखो की कहानी बड़ी चुनौती भरी थी रह रह के बस सवाल उलझ जाता है,उसके ख्यालों में।

Paperwiff

by vinitatomar

12 Sep, 2022

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