Vinita Tomar
12 Oct, 2022
मेरे चांद !
कश्मकश में है जिंदगी
कहां रहती है मेरी हमनशीं।
बेदर्द सी रहती है ये रातें ,
बस मिल जाए झलक मेरे चांद की।
और हो जाए वो मेरी दिलनशीं।
Paperwiff
by vinitatomar
12 Oct, 2022
#microfables contest
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