1.....अरे भाई नंबरदार के कर रा ???यूँ तो नाश हो जागा ....हो जागा तो हो जागा.. अर..बालक को खेत की मेड पर बिठा रखा है ..अर रामपाल भाई के करूं मेड पर इतनी देर से मिटटी लगा रा .....पर मिट्टी रुकना रही
तो के बालक को बैठा देगा??
बावला हो गया कै तू ????
हर फसल में पानी ज्यादा चला जागा तो फसल खराब हो जागी वैसे ही कुछ ना मि लै....इतने दिन से काम कर रे..... और फसल की खातिर बालक की जान दांव पर लगा रा चल परे हट... मै मदद करूँ
2.......अरे भाई इतनी मेहनत क्यों कर रहा है सरकार ने तो इतनी घोषणा कर दी ....घोषणा तो किताब और कागजों में रह जागी और खा जागे अफसर, हमें ना मिलने का कुछ क्यों तेरा बेटा तो अफसर बन गया???अरे!!!भाई शहरों में जाकर सब बदल जा कोई ना वापस आ .....हां बेटा अफसर बन गया लिख देगा उसको डाल देगा फेसबुक और व्हाट्सएप पर भी मैं किसान का बेटा फसल में काम ना करवाना भाई खेती करने मै कैसी शर्म... एक मुसीबत ना कई मुसीबत है
3...करता क्या है ????2 घंटे खेत में जाकर सारा दिन आराम है किसान तो अपनी मर्जी का मालिक है |हां पर वह 2 घंटे भी तो रात के 2:00 बजे हो ...जब तुम रजाई में हीटर वाले कमरों में सोते हो खेत में ठंडी ठंडी हवा के बीच सर्द रात्रि में पानी चलाता है खेतों में जाकर
4.भैया सहरो मे तो लाइट की घणी बर्बादी हो और अब देखो टाइम पर पानी नी मिला .. तो फसल की बर्बादी हो जागी.
5.मम्मी...मम्मी देखो गन्ना अभी चलो मैं अंकल से मांग लेती हूं ,"पर मम्मी आप तो इनको जानते भी नहीं हो देखो यह किसान बहुत -बड़े अन्नदाता होते हैं हम जाने ना जाने यह हमारे मन की बातें जान लेते हैं "पतिदेव ने गाड़ी लगा दी साइड में बोले मैं तो नहीं जाऊंगा मांग ने बेज्जती होगी ना जब पता चलेगा .....विभा के घर में भी खेती होती थी वह जानती थी कि किसान अन्नदाता होते है ,वह उतर गई और बोलने लगी जी हां अंकल....अंकल नहीं बोलते गांव के लोग ताऊ चाचा सबसे अपनेपन का एहसास लगा लेते हैं चाचा मुझे एक गन्ना दोगे क्या ????बच्चों के लिए ,अच्छा भाई ,कौन से गांव की बेटी है
अच्छा मैं तुम्हारे गांव के पास से ही हूँ
कुछ गन्ने और ले जाओ और गर्म गुड बन रहा है पहले लेकर जाओ....
अरे !!मम्मी आपकी तो बहुत पूछ है
बेटा पूछ नहीं ..हमारे किसान अन्न दाता है तुम बताओ क्या??तुम अपने दिल्ली शहर में मुझे किसी मॉल में से या दुकान में से एक सामान भी फ्री में दिलवा दोगे और देख उन्होंने गन्ने तो दिये साथ में गुड खाने को दिया है|
तो फिर यह टीवी पर इन्हीं लोगों को पानी की बौछारें मारते हुए क्यों दिखा रहे थे ??बस लोग राजनीति करते हैं| इन्हे पब्लिसिटी की जरूरत नहीं देखो कितनी हमारी मदद कर दी किसान ऐसा ही होता है यह दूसरों को खाना खिला कर खुश होता है और फिर भी इसी के घर में अंधेरा रहता है|
यह तो बहुत ही खराब है मम्मी जब मैं स्कूल जाऊंगा तो टीचर से मिलकर हम इसका कुछ समाधान निकालेंगे,,हां बेटा किसी ना किसी को तो समाधान निकालना होगा |
मम्मी मैं भी बड़ा होकर किसान बनूंगा! !!
यह तो थोड़े से उदाहरण है अन्नदाता की मुश्किलों के
हमें समय रहते चेतना होगा उनकी मुश्किलों का हल ढूंढना होगा
किसान कितनी मेहनत करता है रात दिन ,
कूलर एसी में जब हम बैठे होते हैं तो उस फसल को भरी दुपहरी में एक काटता है अगर खुद नहीं काटता तो मजदूरों से भी खड़ा होकर कटवाते हैं और सर्द रातो में जहां हमारा पैर जमीन पर पड़ते ही ठण्ड की लहर आ जाती है |वह खुद खेतों की ठंडी हवाओं के बीच पानी में पैर दिए हुए मेड बंद करता रहता है और बारिश ,मौसम की मार तो हमेशा से झेलता है ,तो जो उसके भाग्य में अभी उससे हम छीन रहे हैं उसे अपनी फसल का सही दाम नहीं मिल पा रहा ,बीच में ही लोग खा जाते हैं, माल में से एक बिस्किट का पैकेट मिला हो तो हम एमआरपी पर खरीद लेते हैं|
तो क्या उस फसल का कोई मूल्य नहीं निर्धारित हो सकता?????जिसे वे दिन-रात अपने खून से सींचता है ..तभी उसमे इतनी मिठास होती है और सेहत के लिए भी कितना अच्छा होता है..... तो आने वाली पीढ़ियों के लिए ताकि उन्हें किसान बनने में शर्म ना आए .....हमें अभी किसानों की समस्याओं पर गंभीरता से विचार करना होगा....
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत बढिया 👏👏👏👏
सही कहा आपने ।बहुत बढ़िया लेख 👏👏
Sonnu lamba ji हार्दिक आभार
@preeti gupta ji हार्दिक आभार
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