कृपा
जब भी मन बहुत विचलित हो एक नजर सूरज, चाँद, तारों, वृक्षों, पहाड़ों, नदियों, फ़ूलों, तितलियों पर ले जाइए और इश्वर को धन्यवाद दीजिए की प्रकृत्ति के रूप में उन्होंने मनुष्य को अपनी इतनी अनुपम उपयोगी और मनोहारी कृपा दी है |
"इश्वर कृपा और गुरु - कृपा" मानव जीवन का सबसे अद्भुत उपहार है |"
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by surabhisharma