पहली रसोई टाटा नमक के संगे

नमक के बिना जीवन अधूरा होता ,बेस्वाद होता है।पर सही नमक का होना भी बहुत जरूरी होता है। और नमक का मतलब तो बस टाटा नमक। यह कहानी एक बदलाव की है जो नमक से शुरू हुई।

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Dr.Shweta Prakash Kukreja
Dr.Shweta Prakash Kukreja 13 Nov, 2021 | 1 min read

पसीना में तर-बतर दिशा की हालत ऐन खराब हती थी। सेहर में पली बड़ी मौडी खा पतो न थो कि ऐसे गाँव में आने पड़े। दिशा खा तो बोली लो समझ नाई आ रही हती थी।अबे कछु सोच राई थी कि कोऊ बोलो," काय बहु नोन चाने का?" दिशा खा कछु पल्ले नाइ पड़ो।। घूँघट उठा के देखो तो एक बूढ़ी बाई कटुरिया कछु डिल्ला जैसो रखें थी।दिशा ने कई ,"ये क्या है?" बा बूढ़ी बाई उचक के बोली,"ऐ मोरी अम्मा, इने जेई नहीं पता जो काय?" और बड़बड़ात चली गई। दूसरे दिन निशा ने देखो कि सब्जी, दाल बनाते बेरा अम्मा नोन के डिल्ला घुमात थी। अब ऊखा समझ आई कि जे औरे अबे भी पुरानो जमाने वालो नमक इस्तेमाल करत है । कछु दिना के बाद दिशा अपने मायके गई और जब लौट के आई तो खाना बनाने के लाने अम्माजी ने बुलाओ। उने अपने झोला से 'टाटा नमक' निकालो और सब्जी में डार दाओ।अम्मा ने देखो और एन जोर से चिल्लाई 'अरे बहू ने तरकारी में कछु मिलाओ है कोउ न खईओ।"दिशा डरा गई और सब औरे आ गए।तना हिम्मत कर के बा बोली,"अरे,ये नमक है जो सभी इस्तेमाल करते है।यह साफ सुथरा और आयोडीन युक्त होता है जो हमें घेंघा जैसी बीमारियों से बचाता।आपको विश्वास नहीं तो ये लीजिये मैं खा के दिखाती हूँ।"और दिशा ने तुरंत उँगरिया में नमक लेकर चीख के दिखाओ।अम्माजी ने भी तनक सो चखो और उन्हें भी विस्वास हो गाओ की जे नमक आये।

टाटा नमक से दिशा एक नयो दौर ले आयी। ससुराल की बरसों पुरानी आदत खा बदल डारो।



डॉ.श्वेता प्रकाश कुकरेजा

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Dr.Shweta Prakash Kukreja

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Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Babita Kushwaha · 3 years ago last edited 3 years ago

    तुमाई कहानी बहुत नोनी हती❤️

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