तुम भी मर्दानी बन जाओ

आज पुण्यतिथि है रानी लक्ष्मीबाई की,औरतों के बीच एक मर्दानी की।

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Dr.Shweta Prakash Kukreja
Dr.Shweta Prakash Kukreja 18 Jun, 2021 | 0 mins read
Laxmibai

आज वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि है,

सुबह से ही कुछ लिखना चाहती थी...पर न लिख पाई..

और जब बैठी तो बस ये पंक्तियां....


"क्यों याद है तुम्हें... आज क्या है दिन,

ओह!तुम तो जीती हो तारीखों के बिन,

कार्यो में रत, स्वयं को भी जैसे भूल गई,

उसी धारा की बेटी तुम,जिसपर लक्ष्मीबाई हुई।


वो तो सजती थी आत्मविश्वास और साहस से,

मर्दों को भी लजाया अपने बल, रण कौशल से,

वो भी एक नारी थी,अंग्रेज़ भी जिससे कांप गए,

तुम भी एक नारी हो,जिसके हौसलें भी हार गए।


गुलामी न सही,न टेके उसने अपने घुटने,

न लड़ो तुम,पर देखो शोषण करते तुम्हारे अपने,

पल पल घुटती, दिखता है सब तुम्हें अपने सिवाय,

थोड़ी सी तुम भी लक्ष्मीबाई बन जाओ,न सहो ये अन्याय

थोड़ी से तुम भी मर्दानी बन जाओ,न रहो अब असहाय।।"


©श्वेता प्रकाश कुकरेजा

जून 2021

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Dr.Shweta Prakash Kukreja

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