परछाइयाँ बोलती है
सुन लो ज़रा उसकी भी, लफ़्ज़ों से नहीं जो आंखों से बयाँ कर रहा, परछाइयाँ भी गुफ्तगू करती उसकी, राज़ न जाने कौन से दफना रहा।

Paperwiff

by shwetaprakashkukreja1

09 Nov, 2020

चलो कुछ उनकी भी सुने जो कहते नहीं कुछ

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