Dr.Shweta Prakash Kukreja
09 Nov, 2020
परछाइयाँ बोलती है
सुन लो ज़रा उसकी भी, लफ़्ज़ों से नहीं जो आंखों से बयाँ कर रहा, परछाइयाँ भी गुफ्तगू करती उसकी,
राज़ न जाने कौन से दफना रहा।
Paperwiff
by shwetaprakashkukreja1
09 Nov, 2020
चलो कुछ उनकी भी सुने जो कहते नहीं कुछ
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.