Saket Ranjan Shukla
25 Aug, 2021
क्या फ़र्क पड़ेगा
सुनते हो नहीं, मैं कुछ न भी कहूँ, क्या फ़र्क पड़ेगा,
बिखर जाऊँ या ये दर्द न भी सहूँ, क्या फ़र्क पड़ेगा,
है कमाल का क़िरदार तुम्हारा, बस ख़ुद के हो तुम,
फ़िक्र तुम्हें है नहीं मेरी, न भी रहूँ, क्या फ़र्क पड़ेगा.!
BY:— © Saket Ranjan Shukla
IG:— @my_pen_my_strength
Paperwiff
by saketranjanshukla
25 Aug, 2021
Life
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Please Login or Create a free account to comment.