नकारात्मक विचार रोपो – नकारात्मक विचार काटो

नकारात्मक विचार रोपो – नकारात्मक विचार काटो

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sachin Kumar patel
sachin Kumar patel 17 Feb, 2020 | 1 min read

नकारात्मक विचार रोपो – नकारात्मक विचार काटो

दुर्भाग्य से, हमारे नकारात्मक परिवेश के कारण, अधिकांश लोग बुरे से बुरे की उम्मीद करते हैं और उन्हें अपनी उम्मीद के बारे में बहुत कम निराश होना पड़ता है। वे नकारात्मक विचार रोपते हैं, इसलिए वे नकारात्मक ही काटते हैं। एक उदाहरण प्रस्तुत है- कल सुबह जब आप अपने काम पर पहुँचते हैं तो कल्पना कीजिए कि आपको अपने डेस्क पर बॉस की लिखी हुई यह पर्ची मिले, ‘पहुँचते ही मुझसे मिलें।’ आप उसके कार्यालय की ओर बढ़ते हैं परन्तु उसकी सेक्रेटरी आपको रोक कर कहती है कि वह कुछ मिनटों के लिए लम्बी दूरी की फोन कॉल पर व्यस्त हैं और आपको इन्तज़ार करना होगा। अब विचारों की प्रक्रिया शुरू होती है, ‘समझ नहीं आता कि वह क्या चाहता है। क्या उसने मुझे कल ऑफिस से जल्दी जाते देख लिया था? कहीं उसे स्टाफ के सामने हुई मेरी और जॉय की उस बहस के बारे में तो पता नहीं चल गया? या यह ...? ‘एक-एक करके लगातार विचार चलते रहते हैं। यह सच है, हम एक नकारात्मक विचार का बीज बोते हैं और अक्सर नकारात्मक विचारों की फसल काटते हैं।

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