देश मेरा रंगीला
हिम से आच्छादित शिखर कही,
कही हैं ऊँची पर्वत की चोटी,
कही ऊबड़ खाबड़ पठार
तो कही बना कल कल नदियों का हार।
कही हरे भरे खेत मैदान,कही है रेगिस्तान,
कही समुन्द्र लेता उफान,कही झरनों का गान।
कही मंदिर की घंटी,कही मस्जिद का अजान,
कही वाहे गुरु की बंदगी,कही यीशु महान।
विभिन्न वेश -भूषा,विभिन्न परिधान
विभिन्न बोली विभिन्न खान पान,
ऐसा है मेरा रंगीला प्यारा हिंदुस्तान
Paperwiff
by ruchikarai