Ruchika Rai

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उम्मीद के बादल
रमेश का युवा बेटा सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल हुआ था किसी तरह कर्ज लेकर रमेश ने अपने बेटे का इलाज करवाया था। रमेश सोच रहा था कि हरी सब्जियों की खेती से जो आमदनी होगी वह कर्ज चुका देगा। मगर अप्रैल महीने से ही पछुआ हवा के थपेडों ने पौधों को सूखा दिया था। किसी तरह सिंचाई कर वह पौधे को हरा रखने की कोशिश कर रहा था ताकि सब्जियां हो सकें। मगर सब व्यर्थ था एक तरफ युवा बेटे की चोट और दूसरी तरफ मौसम की मार उसकी आँखों से आँसू बहने लगें।टकटकी बाँधकर वह नभ को निहार रहा था तभी देखा कि काले बादल मंडरा रहे थे उसकी आँखों में उम्मीद के जुगनू चमक उठे। प्रार्थना के लिए हाथ उठाते ही उसने देखा कि बादल बरसने लगे थे। यह बादल उम्मीद,विश्वास और उसकी किस्मत को चमकाने के लिए थे।

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by ruchikarai

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12 Apr, 2024