Ruchika Rai
28 Nov, 2022
दिगंत
दिगंत तक मेरी पहचान हो कुछ ऐसा कर जाऊँ,
हो हर जुबां पर मेरा नाम मैं नेकियाँ ऐसे कमाऊं
हर दिल से नफ़रत पूरी तरह से मिट जाए सदा,
चलो प्रेम के रंग से मैं सबको सराबोर कर पाऊँ।
Paperwiff
by ruchikarai
28 Nov, 2022
Topic free contest
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.