भोर
भोर का खूबसूरत कोमल एहसास,
लगे शांत हो गए जीवन के झंझावात,
सुकून देने वाला प्राकृतिक नजारा,
मुश्किलों को मिल गया हो जैसे किनारा।
सिंदूरी आभा के साथ आती सूर्य की रोशनी,
जैसे आशा और उम्मीद की अँधेरे से ठनी।
हर रात के बाद सुखद भोर की शुरूआत,
जिंदगी जीने की करती है सदा बात।
Paperwiff
by ruchikarai