आंनद प्लीज तुम बस मुझे बहलाते रहते हो ,हर वक्त बस घुमने और मिलने बस इतना ही आगे कुछ तुम सोचते ही नहीं अंशु ने पैर पानी में मारते हुए आनंद से कहा।
तो क्या कहुँ और क्या करूँ बोलो कुछ और चाहिए करता हूँ.. मैं तैयार हूँ जहां कहो आनंद ने ठहाका लगाते हुए कहा।
मारूंगी तुम्हें ...आलतु फालतु बातें न करो मुझसे बस।मैं ये सुनना चाहती हूँ की तुमने आगे क्या सोचा है।हमारे बारे में क्या करना है।मैं जैन और तुम बिहारी हम दोनों ही अलग हैं।हमारी तो हर चीज अलग है घर में ।खाने पिने से लेकर बोल चाल , व्यवहार सब ।
अरे तो क्या हुआ मैं सभांल लुंगा.. आंनद ने कहा
क्या सभांल लोगे मैं लड़की हूं मुझे सोचनी ही पड़ेगी पापा की तबीयत खराब है ज्यादा दिन नहीं है उनकी जींदगी और तुम सोचते रहो बस..अंशु ने उदास होकर कहा।
ओह मैं तुमसे मिलकर प्यार भरी बातें करने आया और तुम बस वही घिसीपिटी बातें लेकर बैठ गई ..आंनद ने मुँह बनाया।
ओहो प्यार भरी बातें और बाकी बातें पड़ोसी के साथ करूँ है ना ...अंशु ने छेड़ा।
चलो मैं जा रहा हूँ फिर...
अरे नहीं ...आंनद ...मैं तो बस तुम्हारे साथ कुछ पल के बजाय हर पल रहना चाहती हूँ इसलिए।कहीं तुमसे दुर न हो जाऊंगी बस यही डर लगा रहता है..अंशु ने आंनद के सिने पर सर रखते हुए कहा।
अंशु तुम्हें लगता है और मुझे नहीं... ऐसी बात नहीं है।
मैं भी सोचता हूँ इस बारे में अक्सर आंनद ने अंशु के बालों को सहलाते हुए कहा।
चलो हम दोनों आज इस डर से ऊपर उठते हैं और कोर्ट में एप्लिकेशन दे देते हैं कोर्ट मैरेज हो जाएगी फिर तो डर खत्म हो जाएगी।परिवार वाले को समय आने पर बता दिया जाएगा।तब तो सब डर खत्म और मुझपर विश्वास भी रहेगा तुम्हे।
विश्वास की बात नहीं आनंद...
है अंशु ...है..मैं खुद नहीं चाहता सालों से तुम्हारे साथ हूँ और कल परिवार वालों के दबाब में कुछ अनहोनी न हो जाए इसलिए।हम दोनों ही फिर साथ हो जाएगें हमेशा के लिए बस शरीर दूर रहेगें..आंनद ने खुशी से कहा।
हाँ ...सच ..ऐसा ही होगा?
हाँ...बस हम शादी करेगें कोर्ट मैरेज। अब तो खुश?
हाँ ...सच मेरी टेंसन खत्म हो जाएगी फिर।थैक्स आंनद तुमने मुझे समझा।
तुमसे प्यार करता हूँ सब समझता हूँ तुम्हारी परेशानी भी।चलो अब तो दुर हो गई तुम्हारी परेशानी क्योंकी "बिन फेरे हम तेरे जो हो जाएगें"...आंनद ने गले लगाते हुए अंशु से कहा।
हाँ आंनद "बिन फेरे हम तेरे"।सच आज मुझे खुशी हो रही मैंने तुमसे प्यार किया।ऐसे शक्स से नहीं जो बीच मझधार में मुझे छोड़ चला जाता किसी और से शादी करने।आंनद सच तुम बहुत अच्छे हो...अंशु की आँखे गीली थी सच्चाई से भरे ईमानदार और समझदार जीवनसाथी पाकर।
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