*प्रेम संकल्प का रिश्ता*
कई रिश्ते हैं संसार में खास है स्नेह का रिश्ता
पवित्र बंधन में बंधा प्रेम संकल्प का ये रिश्ता
नाजुक डोर से बंधा पवित्र बंधन कहलाती है
भाई बहन के स्नेह का रक्षाबंधन कहलाती है
भाई बहन के प्यार से डोर सजती है हर ओर
प्रेम,स्नेह,सर्मपण देखकर आंखें भर भर जाती है
हाँ मायके की याद आती है आँखें छलक जाती है
आंखे भर आती है यादों की गलियाँ फिर सताती है
आज भाई बहन पवित्र रिश्तों की याद खींच लाती है
आज भी त्योहार रक्षाबंधन में भाई तेरी याद आती है
बहन के प्यार को बांधे रक्षाबंधन में रेशम की डोर है
मायके की याद आकर मौज मस्तियां भर जाती है
कितनी आशिष मिलती भाई से दिल भर भर आती है
बहनों पर भी प्यार लुटाते भाई देखो सारे वचन निभाते
अपना हर फर्ज निभाते, हर लेते हैं दुख बहन के सारे
प्रेम लुटाकर हर वादा निभाते हैं रक्षा संकल्प प्रण लेते हैं
रेशम डोरी से बंधा रक्षाबंधन का, राखी धर्म निभाते हैं
हां पल-पल, हर पल बहनों पर स्नेह आशीष लुटाते हैं
निक्की शर्मा रश्मि
मुम्बई
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.