"हम नहीं सुधरेंगे" भारत-चीन संबंध

भारत के साथ मैत्रीपूर्ण,आर्थिक संबंध खराब करने पर हमेशा ही अग्रसर रहा है चीन।

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Resmi Sharma (Nikki )
Resmi Sharma (Nikki ) 28 Jul, 2020 | 1 min read

 चीन और भारत के रिश्ते सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध तो हमेशा ही रहे हैं पड़ोसी देश जो है। कहा जाए तो चीन के विकास में भारत का महत्वपूर्ण योगदान है। भारत द्वारा ही विकासशील देश की ओर अग्रसर हुआ है।चीन से राजनयिक संबंध कर भारत सबसे पहला गैर समाजवादी देश बना।भारत में चीन ने भारत के दो विश्वविद्यालय को अपने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए या शिक्षा देने के लिए चुना जिसमें नालंदा विश्वविद्यालय और तक्षशिला विश्वविद्यालय है। चीन ने हमेशा ही अपने पड़ोसी देश भारत के मैत्री संबंधों पर आक्रमण करता आया है।भारत की जमीन पर कब्जा करने की आदत शुरू से ही रही है। अथक प्रयासों के बाद भी चीन ने दगाबाजी नहीं छोड़ी, जिससे मैत्रीपूर्ण संबंध बिगड़ गए। हालांकि 1966 में चीन के राष्ट्रपति द्वारा पहली भारत यात्रा में ऐतिहासिक फैसला लिया गया था। नियंत्रण रेखा पर एक दूसरे पर आक्रमण नहीं किया जाएगा लेकिन कहते हैं ना "हम नहीं सुधरेंगे" की तर्ज पर चीन ने हमेशा ही संबंधों में दरार उत्पन्न की। चीन की मानसिकता हमेशा ही बदलती रही है और बदलती रहेगी। आज भारत के साथ रिश्तो को ताक पर रखकर जिस तरह चीन सीमा विवाद में उलझा है उसे उल्टी मुंह खानी पड़ेगी।


भारत हर मोर्चे पर बढ़त ले चुका है और लेता रहेगा। हरदेश जो चीन से किनारा करने लगा है इससे यह बात अंदर ही अंदर उसे खाए जा रहा है क्योंकि भारत की ताकत का अंदाजा कहीं ना कहीं उसे भी है। साफ तौर पर कहा जाए तो चीन अपना ही नुकसान कर रहा है। भारत के साथ अपने मैत्रीपूर्ण रिश्ते को खराब कर वर्तमान और भविष्य दोनों में ही नुकसान पहुंचने वाला है। चीन के प्रति ये रवैया पर ठोस नियंत्रक कदम उठाने की जरूरत है। भारत चीन के संबंध तभी बेहतर हो सकते हैं। चीन को अपनी इस महत्वाकांक्षा को खत्म करनी होगी जो गलत मंसूबे के साथ भारत की ओर आगे बढ़ता जा रहा है। चीन भारत से उलझ पाएगा या औंधे मुंह गिरेगा देखने वाली बात होगी।


 चीन व भारत के बीच आज सबसे बड़ी समस्या सीमा को लेकर है जो आज भी क्षत विच्छेद स्थिति में है और दूसरा तिब्बत। जहां आज पूरा देश महामारी से निपटने की तैयारी में सबसे सहभागिता की उम्मीद रखता है वहीं यह दो राष्ट्र भारत व चीन सीमा विवाद में उलझे पड़े हैं।हालांकि भारत शांतिपूर्ण वातावरण विकसित करने में लगा हैं देखें कब तक यह संभव होता है। भारत के मैत्रीपूर्ण संबंध भी रहे हैं और प्रतिद्वंदी भी आगे देखने वाली बात है। आर्थिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक सहयोग भी भारत हमेशा एक कदम आगे बढ़ा कर करता रहा है। सुरक्षा संबंधों की जटिलता को दर्शाती है भारत-चीन विवाद। एक समय था "हिंदी चीनी भाई-भाई" के नारे लगा करते थे आज मुंह फेरे खड़े हैं एक दूसरे को मारने पर उतारू हैं। भारत चीन के बदलते आयाम पर सच कहा जाए तो दोनों देशों के नेताओं को राजनीतिक मार्गदर्शक की जरूरत है। भारत और चीन के बीच संबंध सुधरे यह दोनों देशों के लिए ही फायदा है। दोनों देशों के हित में ही है लेकिन सुधार संभव है यह एक बड़ा सवाल है। भारत ने हर बार जिस तरह सीमा पर मुंह तोड़ जवाब दिया है इससे चीन की गलतफहमी जरूर दूर हो गई होगी। चीन के भारत से राजनैतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध हमेशा ही बेहतर रहे हैं।


*राजनीतिक संबंध* भारत ने चीन के साथ अपने राजनीतिक संबंध की शुरुआत 1 अप्रैल 1950 में ही की लेकिन 1962 में भारत चीन के बीच एक गहरा झटका लगा जब सीमा संघर्ष की शुरुआत हुई।


*आर्थिक संबंध* व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर के साथ आर्थिक संबंधों को बढ़ावा मिला भारत और चीन में व्यापारिक संबंधों में काफी तेजी आई। भारत निरंतर पड़ोसी धर्म निभाता चला आ रहा था और रहा है।


*सांस्कृतिक संबंध* भारत विभिन्न केंद्रों पर वैचारिक और भाषाई आदान-प्रदान होते रहे हैं।भारत के योग चीन में काफी लोकप्रिय हैं भारतीय फिल्म भी चीन में काफी लोकप्रिय है और काफी कमाई भी करती है।


*शैक्षणिक संबंध* संबंध की बात करें तो दोनों देश हमेशा ही इसे बढ़ावा देते आए हैं।दोनों ही देशों ने उच्च शिक्षा को हमेशा ही मान्यता दी है और सहयोग भी। चीन में भारतीय छात्रों की संख्या भी काफी ज्यादा है।


आज भारत- चीन संबंध चिंता का विषय है। चीन जिस तरह हाथ पैर मार कर सीमाओं से कुछ भी हासिल करने की चाह में जुटा है उससे यही जाहिर होता है कि चीन की मनोस्थिति, मंसुबा खराब हो चुकी है और उसकी यह सोच धरी की धरी रह जाएगी। चीन व भारत शांतिपूर्ण स्थिति में कब तक पहुंचता है वातावरण कब तक शांत होता है यह भारत और चीन के आने वाले दिनों में ही पता चलेगा।


 चीन भारत से अगर उलझा तो भारत को उसके मंसूबे पर पानी फेरने में तनिक भी देर नहीं लगेगी। अच्छा है चीन अपने पूर्व संबंधों को ध्यान में रखकर कदम बढ़ाए।


निक्की शर्मा रश्मि

मुम्बई

Niktooon@gmail.com


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Resmi Sharma (Nikki )

resmi7590

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    आवश्यक तथ्यों का उल्लेख किया है आपने आलेख में।

  • Akhilesh Upadhyay · 4 years ago last edited 4 years ago

    💯💯💯

  • Resmi Sharma (Nikki ) · 4 years ago last edited 4 years ago

    धन्यवाद🙏🏼🙏🏼

  • ARCHANA ANAND · 4 years ago last edited 4 years ago

    बेहतरीन आलेख, संभव हो तो मेरी रचना पर भी अपना कीमती परामर्श दें

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