यादों में खोने लगे हैं

एहसास मोहब्बत का

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Resmi Sharma (Nikki )
Resmi Sharma (Nikki ) 27 Oct, 2020 | 1 min read


चंद मुलाकातों से यादों में तेरे खोने लगे हैं

तेरे कदमों के निशान अब ढूंढने लगे हैं


धुंधले शाम में भी इंतजार है तेरे आने का

कैसे कहूं कि अब जज्बात भी बहने लगे हैं


नजर भर के देखा भी न था हमने उसे

वह नकाब में देखो कैसे छुपने लगे हैं


खुशियाँ पल भर में मिल जाती है देखकर उन्हें

खुशियों के लम्हात में हम अब बहने लगे हैं


भूल जाते हैं देखो वह हमें अपनी बस्ती में जाकर

कैसे कहूं तेरी यादों में महफिल 'रश्मि' सजाने लगे हैं

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Resmi Sharma (Nikki )

resmi7590

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