आशा का दीप

आशा का दीप जलायें इसबार उन सभी के लिए जिन्होनें परेशानियों में ये दिन गुजारा है ।

Originally published in hi
Reactions 0
441
Resmi Sharma (Nikki )
Resmi Sharma (Nikki ) 12 Nov, 2020 | 1 min read

आशा जिनकी टूट चुकी थी 

मन का दर्पण टूट चुका था 

सपनों का संसार फिर से 

उसे दिखाना है 

दिवाली के दीपक में 

उनकी खुशी ...

फिर ढूँढ लाना है

दीपक से कुछ सीखो तुम 

जीवन को कैसे आगे बढ़ाना है

खुद जल जलकर 

देता यह रौशन जग को

बस हमें भी खुद को जलाना है 

खुशियाँ फिर से खोज लाना है

दुख के बादल छंट जाएगें 

खुशी के पल फिर वापस आ जाएगें

तन, मन में फिर खुशीयों के 

दीपक जल जाएगें

निक्की शर्मा रश्मि

मुम्बई

0 likes

Published By

Resmi Sharma (Nikki )

resmi7590

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.