पिता

मां की ममता की तो हमेशा बात करते हैं आज पिता की बात जो हमारे परिवार का एक मजबूत स्तंभ है

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Resmi Sharma (Nikki )
Resmi Sharma (Nikki ) 18 Jun, 2020 | 1 min read

रिश्ते जिसकी बुनियाद बहुत गहरी होती है। इतनी गहरी जिसे समझा नहीं महसुस कीया जा सकता है। नई पीढ़ी शायद रिश्तों की गहराई को समझने में नाकाम हो पर उनकी खासियत और अनूठेपन को वह भी मानती है। रिश्ते निभाने वह भी इसी बुनियाद से सीखती है।रिश्तों से ही तो बनता है हमारा खूबसूरत सा परिवार,भरा पूरा परिवार,बस इसी रिश्ते की डोर को थाम कर रखना होता है।रिश्तों की डोर को बांधकर हम सब सुरक्षित महसूस करते हैं,सुकून मिलता है, इन्हीं रिश्तों में एक रिश्ता होता है "पिता" का रिश्ता जो अनमोल होता है, स्तंभ होता है,परिवार का।

मां की ममता, मां का प्रेम जहां हमें सुकून देता है...पिता घर का स्तंभ होता है जो हमारे चारदीवारी बनकर हमारी रक्षा करता है।पिता से एक मजबूत सहारा,वह मजबूत कंधा हमें मिलता है जिस पर पूरा घर, पूरा परिवार टिका होता है।वह पिता ही है जो अपने दोनों मजबूत कंधों पर सब का भार लिए रहता है और चेहरे पर एक सिकन भी नहीं,बस एक संतोष,एक जिम्मेदारी होती है। पिता वह ताकत है जो अपने कंधों पर पूरे परिवार को लेकर चलता है और एक सुकून शांति राहत का आसरा देता है। घर की आर्थिक स्थिति को अपने कंधे पर उठाकर कभी एहसास नहीं होने देता कि वह तकलीफ में है, बस चेहरे पर संतोष और संतुष्टि अपने परिवार की खुशी देखकर हो जाती है।

पिता वह हीरा है जो भर में चमकता रहे तो घर,..घर होता है, हर दुख में परेशानी में बिना संकोच अपने दिल पर पत्थर रखकर चेहरे की मलिनता को छुपाकर अपने परिवार,बच्चों को हर भंवर से बाहर निकाल कर ही दम लेता है।अपने मजबूत स्तंभ से अपने परिवार पर आंच नहीं आने देता है। सबकी चिंता का हर पल ख्याल रखता है। अपनी परेशानी को चेहरे पर कभी आने नहीं देता है पिता वो अनमोल शब्द है जिसके बिना जग का कोई मोल नहीं ,इस मजबूत स्तंभ के बिना परिवार की डोर मजबूत नहीं रह सकती और हर राहत,सुकून पिता के आश्रय में ही मिलता है। पिता से मिली सीख हमें आगे चुनौतीपूर्ण जिंदगी से जीना सिखाती है। हम हर परिस्थितियों से लड़ना सिखते हैं हर कदम पर उनका साथ आगे बढ़ने की चुनौती का सामना करना सिखते है। करियर से जुड़ी बेहतरीन राय पिता की भूमिका से ही मिलती है।चाहे आप बॉक्सिंग या बॉलीवुड, क्रिकेट हर जगह पिता की भूमिका का योगदान रहा है। पिता हर परिस्थिति को छीनकर हर कड़वी बातों को झेल कर अपने बच्चों को आगे बढ़ाने की भूमिका अदा करता है। गीता फोगाट हो या आलिया भट्ट,श्रुति हसन हो या अथिया शेट्टी,सोनाक्षी सिन्हा, सोनम कपूर, प्रतिभा आडवाणी सब अपनी पिता की बेहतरीन सलाह,चुनौतीपूर्ण जिंदगी से हमेशा आगे बढ़ी हैं और हमेशा पिता का साथ सहयोग सलाह लेती हैं पिता की सीख हमें आगे चुनौतियों से परिस्थितियों से लड़ना सिखाती है।उनका हाथ सर पर हो तो एक राहत रहता है।जहां मां की ममता तो पिता के छांव की जरूरत होती है।

मां की ममता तो पिता की छांव है जरूरी

मां की डाँट में भी पिता का प्यार है जरूरी

मां की तपस्या तो पिता का संघर्ष याद आता है

हां.. हां हर लम्हा हर दर्द चुनौती में मां के साथ

पिता याद आता है पिता के मजबूत कंधों से सहारा का

एहसास होता है हर लम्हा सुकून दे जाता है

जब पिता का हाथ सर पर होता है हर पल

आर्शीवाद उनका संग संग रहता है

माँ की ममता,उनके आंचल के सुकून की बात तो हम हमेशा करतें हैं आज पिता की बातें आपको पसंद आई हो तो लाइक ,फॉलो और कमेंट जरूर करें।आपकी अपनी

निक्की शर्मा रश्मि

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