आज कोई और है तुम कल रहे हो
आज मेरे लिए क्यों मचल रहे हो।।
अरमान सारे ही तोड़े थे तुमने
आज क्यों मुझसे जल रहे हो।।
मँझधार में छोड़ा था तुमने ही तोआज फिर ऐसे क्यों पिघल रहे हो
वादा था कभी तोड़ा तुमने ही तोआज भी देखो तुम ही मल रहे हो।।
बदल गए रिश्ते क्यों मचल रहे हो
आज क्यों फिर मुझे छल रहे हो।।
हाथ थामा है किसी का अगर हमने
तुम क्यों नांदा आज दिले जल रहे हो।।
तरसते थे 'रश्मि' दीदार को हम कभी
आज तुम क्यों हाथ मसल रहे हो।।
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Wah
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