शक्ति स्वरूपा दुखहरणी
धारण कमल संग जग जननी
करे जगवंदन प्रथम दिन मां शैलपुत्री
गिरी हिमालय की बेटी
मनोकामना पूरी करती सबकी
जो तन मन से बुला ले तुझको
सारी तमन्ना करती पुरी
नतमस्तक वंदन करूँ मैं
सुख से झोली भर दे माँ
आई विपदा जो भारी है
दुखों को पार कर दे माँ
तेरी महिमा निराली है
सब क्या पूरे जग ने मानी है
आवाहन तेरा करती हूँ
शरणागत तेरे रहती हूँ
विनती सुन लो मां तुम
तेरे चरणों में रहती हूँ
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Beautiful 🙏🙏
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