मोरे सैंया तो खुब ही कमात है...

समय कठीन है अभी साथ ही महंगाई की मार बस हौंसले की जरूरत है।

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Resmi Sharma (Nikki )
Resmi Sharma (Nikki ) 01 Nov, 2020 | 1 min read

" मंहगाई" नाम ही काफी है। सच है न मंहगाई का नाम लिया नहीं कि बस वो टीस उठती है कि बस।दादी,नानी काकी सब को याद बस आ जाती है अपनी चवन्नी और अट्ठन्नी हाय राम समोसा तो दस पैसे का और जलेबी दस पैसे की उसके बाद काकी कहाँ पीछे रहे...भला...शुरू...हो वो भी... "और क्या हमारे जमाने में चवन्नी में सब का खाना हो जाता था"।मंहगाई बढ़ी है पर सच है कमाने वाले कमा रहे है फिर भी कमी हो जाती है और दिल से एक ही आवाज आती "मोरे सैंया तो खुब ही कमात है मंहगाई डायन खाय जात है"।समझ से काम लें एक दुसरे का हौंसला बढ़ाएं।समय जो कठीन है निकल जाएगी।माना मुश्किल है इनसब से निकलना पर नामुमकिन नहीं।

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Resmi Sharma (Nikki )

resmi7590

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