त्रेता युग अवतार ले, शिव किया सबका उद्धार।
कलयुग में आओ अब फिर,ले नया कोई अवतार।।
तीनो लोक के स्वामी हैं हमारे भोले शिव
शिव से है सारा संसार बहती रहे गंगा की धार
गले में मुंड धारण है और गले में सर्पमाला
भस्म रमा और जटा में पुरी बहती गंगा धारा
शिव भक्ति में है सुख सारे कहते हैं सब भोला भंडारी
ब्रह्मा,विष्णु सब पूजते हैं कहते हैं सब शिव को त्रिपुरारी
साथ कालों के काल कहलाते महिमा उनकी सब गाते
महाकाल,मलिकार्जुन ,ओंकारेश्वर,त्रयम्बकेश्वर कहलाते
जाने वाले जा रहे आपदा से देखो,भीड़ लगी शमशान।
तड़प रही है जिंदगी, सभी के निकल रहे हैं प्रान।।
देख न पाया मन अब बहुत भरा, बहुत मिली है हार।
जीवन क्या जीये भला, काल कि हुई ऐसी पुकार।।
कामना बस यही करती हूं आस बस यही रखती हूं
हर लो दुख अब तुम भोले और कुछ ना चाहती हूं
निक्की शर्मा रश्मि
मुम्बई
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
🙏🏻🙏🏻सुंदर सृजन।
Nice
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