मैंने पूछा जिंदगी से

जिंदगी बहुत खूबसूरत है बस उसे खुलकर जियें

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Resmi Sharma (Nikki )
Resmi Sharma (Nikki ) 22 Jun, 2020 | 1 min read


मैंने पूछा जिंदगी से कौन हो तुम

उसने कहा जो तू जी रहा है वही तो हूं मैं

तेरी सांसों में बसती हूं तेरे साथ ही तो चलती हूं

कभी शांत नदी सी बन जाती हूं

कभी चंचल झरनों सा बह जाती हूं

रहती हूं किसी के दिल में और

धड़कती हूं किसी के दिल में

कभी खुशी, कभी गम दे जाती हूं

कभी किसी के सांसों से चली जाती हूं

कभी किसी के सांसों से बंध जाती हूं

सभी के सुख-दुःख का साथी हूं

मानो तो सब से खूबसूरत हूं

माना कभी थक सी जाती हूं

पर सब्र रखो तो रूक भी जाती हूं

मर मर कर जीना नहीं तुम

जीवन है कोई खेल नहीं

कभी बहता दरिया भी बन जाती हूं

कभी छांव भी दे जाती हूं

वक्त की ठोकर से घबरा मत

जिंदगी है ये इम्तिहान लेती है

विश्वास और संबल से जीत मिल ही जाती है

मौलिक रचना

निक्की शर्मा रश्मि

मुम्बई

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Resmi Sharma (Nikki )

resmi7590

Comments

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  • Kumar Sandeep · 5 years ago last edited 5 years ago

    सुंदर रचना

  • ARUN SHUKLA Arjun · 5 years ago last edited 5 years ago

    वाह! जिंदगी की अहम् सच्चाई बेहद शानदार रचना

  • #KBH creation · 5 years ago last edited 5 years ago

    वाहह.. वाहह बेहतरीन रचना ?? ??

  • Resmi Sharma (Nikki ) · 5 years ago last edited 5 years ago

    बहुत बहुत धन्यवाद ??

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