जगत जननी नतमस्तक वंदन करूँ तेरी
सदाचार संयम का पाठ पढ़ाती मां ज्ञान दायिनी
ब्रह्मचारिणी माँ दूजे स्वरूप ये तेरा अनुपम बड़ा रूप
शक्ति कितनी समाई है माँ शक्ति रूपा कहलाई है
विकट संकट से तू उबारे सदाचार रूप निखारे
नवरूप धारण करती माँ आई सबके तु द्वारे
मां के दुसरे रूप ब्रह्मचारिणी के रूप की महिमा
जगत जननी नतमस्तक वंदन करूँ तेरी
सदाचार संयम का पाठ पढ़ाती मां ज्ञान दायिनी
ब्रह्मचारिणी माँ दूजे स्वरूप ये तेरा अनुपम बड़ा रूप
शक्ति कितनी समाई है माँ शक्ति रूपा कहलाई है
विकट संकट से तू उबारे सदाचार रूप निखारे
नवरूप धारण करती माँ आई सबके तु द्वारे
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