सत्य
सत्य अब कहीं खोने लगा है
इसलिए मन विचलित होने लगा है
दिन रात में फर्क नहीं दिखने लगा है
सत्य की राह अंधेरों में खोने लगा है
सत्य ही धर्म है पर पाप इसे रोकने लगा है
सत्य सर्वोच्च है पर आज मन डरने लगा है
झूठ का पलड़ा पल-पल भारी होने लगा है
सच्चाई अब क्यों विमुख होने लगा है
सत्य की जीत होती है सदा सुना है हमने
यही सोचकर दिल तसल्ली करने लगा है
निक्की शर्मा रश्मि
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