Resmi Sharma (Nikki )
19 Jul, 2021
बारिश
रिमझिम मेघा बरस रहा देखो पावन नीर
हर्षित है शुष्क धरा भी बह गई सब पीर
सोंधी खुशबू मिट्टी की जब मेघ संग आई
सावन की झड़ी लगी और धानी चुनर मुस्काई
नव पल्लव भी झूम रहे भींगे संग बरखा मेघ
तरुण हर शाख की डोल रही संग चंचल मेघ
मेघा बरसे डाली मतवाली चुपके चुपके हौले
झर झर निर्झर बहता पावन जल बिन कुछ बोले
Paperwiff
by resmi7590
19 Jul, 2021
बारिश से शुष्क धरा भी नाच उठी।
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