बारिश की बूंदें

Rainy season

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rekha jain
rekha jain 06 Jul, 2022 | 1 min read

हुई बरसात सावन की सभी को अब हर्षाती है।

जली थी धूप से बगिया वहीं अब लहलहाती हैं।1


घटाएं छा रही काली, हवाएं भी बहे भारी

धरा पर पड़ रही बर्षा महक सोंधी लुभाती है।2


रहे बरसात का मौसम,भरे नाले तलैया भी।

धरा भी हो रही शीतल धरा भी मुस्कुराती है3

           

झुमा आनंद से उपवन,कुसमित सभी कलियां।

खिल उठी है कली फिर से ,चमन में चहचहाती है।4


बनाते नाव कागज की,अभी भी याद है हमको।

झमाझम हो रही बरसात बहती नाव भाती है।5

डॉ रेखा जैन शिकोहाबाद

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