टैंशन मनःस्थिति से उपजा विकार है। मनःस्थिति एवं परिस्थिति के बीच असंतुलन एवं असामंजस्य से टैंशन उत्पन्न होता है।टैंशन एक द्वन्द है, जो मन एवं भावनाओं में गहरी दरार पैदा करता है। टैशन अन्य अनेक मनोविकारों का प्रवेश द्वार है।आज के युग में ऐसा कोई भी नहीं जो टैंशन से ग्रस्त
ना होता हो। टैंशन का होना अच्छी बात है परंतु एक हद के बाहर टैंशन का हो जाना यह खतरनाक हो सकता है। जब यही टैंशन हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में हमें परेशान करने लगता है तभी दिक्कत आती है। जिस व्यक्ति को टैंशन हमेशा रहता है उसको इलाज के लिए किसी से सलाह लेना चाहिए। यह बात याद रखें कि यह कोई शर्म की बात नहीं है। यह कोई पागलपन या कोई बीमारी नहीं बल्कि ऐसा कभी भी किसी भी व्यक्ति के साथ हो सकता है।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि व्यक्ति के शरीर एवं मन को समय-समय पर मिलने वाली चुनौतियाँ, जिनका सामना करने में वह स्वयं को असहाय एवं असमर्थ मानता है। उसमें टैंशन को जन्म देता है। टैंशन
एक ऐसी बहुआयामी प्रक्रिया है जो हम लोग में वैसी घटनाओं के प्रति अनुक्रियाओं के रूप में उत्पन्न होती है, जो हमारे दैहिक एवं मनोवैज्ञानिक कार्यो को विघटित करता है या विघटित करने की धमकी देता है।
टैंशन एक प्रकार का मानसिक विकार है। किसी भी एक नकारात्मक विचार को दिमाग़ पर हावी नहीं होने देना चाहिए।
आज की इस भाग – दौड़ भरी ज़िंदगी में हर कोई टैंशन से घिरा हुआ हैं. आज हर क्षेत्र में गला – काट प्रतियोगिता मची हुई हैं, जिस कारण एक छोटे से बच्चे से लेकर सेवा – निवृत्त व्यक्ति तक के जीवन में भी बहुत टैंशन हैं. इस टैंशन के अनेक कारण हो सकते हैं, जैसे : बच्चों के लिए पढाई, तो बड़ों के लिए उनकी परवरिश, घर संभालने की जिम्मेदारियाँ, परिवार में आपसी कलह या ऑफिस या व्यापार की चिंता, आदि. अर्थात् कोई भी इन्सान यह नहीं कह सकता कि वह चिंता मुक्त और टैंशन रहित जीवन जी रहा हैं.
अगर आप किसी बुरी या कठिन परिस्थिति में फंस गये हैं तो उससे दूर भागने के बजाय उसे स्वीकार करें और उसका सामना करके उसे ख़त्म करने की कोशिश करे. इस प्रकार परेशानियों का सामना करने से आपके अन्दर कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति आएगी, आपका आत्मबल बढ़ेगा और आपके अन्दर सकारात्मकता आएगी, जिससे भविष्य में आने वाली परेशानियों के प्रति आप अडिगता से खड़े रहेंगे और इनके प्रति आपका टैंशन भी कम होगा.
यदि आप अपने शरीर और मस्तिष्क को शांत करना चाहते हैं, तो सोने से कम से कम एक घंटे पहले आराम करें। अपने स्मार्टफोन को नीचे रखें उसमें वक्त नहीं बिताएं। गर्म पानी से नहाएं, किताब पढ़े, म्यूजिक सुने और ध्यान करें। मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ये सभी आदतें बहुत प्रभावी साबित हो सकती है।
आधी रात के बाद निकोटीन या कॉफी जैसे उत्तेजक पदार्थों के सेवन करने से बचें, खासकर अगर आपको अनिद्रा की परेशानी है। शराब का सेवन बिलकुल नहीं करें। शराब और कॉफी आपका स्ट्रेस दूर नहीं कर सकती, इसलिए इन चीजों का परहेज करे
आपका बेड सोने के लिए आरामदायक होना चाहिए, खासकर आपका तकिया और बिस्तर नर्म हो, जिसपर आपको सुकून से नींद आ सके। इसके अलावा, कमरे का तापमान 60 और 67 डिग्री के बीच रखें। यह तापमान शरीर के लिए सबसे अच्छा है। अगर आप चाहते हैं कि आपका दिमाग बहुत हल्का महसूस करें तो आप बेडरूम में
टेलीविजन ना देखे।
डॉ रेखा जैन शिकोहाबाद
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.